शनिवार, 27 सितंबर 2014

इसके बाद दिल की कोई तमन्ना नहीं होगी

मालुम नहीं है तुमको मै कितना प्यार कर रहा हूँ।
बेसब्री से तुम्हारे इक़रार का इंतज़ार कर रहा हूँ।।
कैसे गुजरते हैं पल मेरे फ़िराक़ में तेरे।
तुम सामने नहीं फिर भी तेरा दीदार कर रह हूँ।।
दिल में उठते हुए तूफां को अब रोक नहीं सकता।
इसलिए अपने प्यार का इज़हार कर रहा हूँ।।
तुम्हारे बाद मेरी ज़िंदगी में नहीं कोई दूसरा होगा।
इस बात से मैं नहीं इन्कार कर रहा हूँ।।
शिवाय ग़म को छोड़कर अब कुछ हमारा नहीं रहा।
अपनी सारी खुशियाँ तुम पर निसार कर रहा हूँ।।
इसके बाद दिल की कोई तमन्ना नहीं होगी।
तुम एक बार कह दो मैं भी प्यार कर रहा हूँ।।

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