शनिवार, 27 सितंबर 2014

पल भर के लिए ही सही पर हँसा जाते हैं

वो पहले मुझसे दिल को लगा जाते हैं।
हँसाते हुए मुझको फिर रुला जाते हैं।।
दूसरों को ठोकर लगते देख सम्भल जाता हूँ मैं।
फिर भी कभी - कभी धोखा हम खा ही जाते हैं।।
वो जब भी गुजरते हैं सामने से मेरे।
कुछ न कुछ तो मुझको समझा ही जाते हैं।।
जिसे देखना भी नहीं चाहते हम सपने में।
ऐसे ख़्वाब कभी - कभी आ ही जाते हैं।।
पल वो प्यार के जब भी याद आते हैं मुझे।
पल भर के लिए ही सही पर हँसा जाते हैं।।

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