शुक्रवार, 24 अक्तूबर 2014

हमने किया प्यार कोई ख़ता तो नही

हमने  किया  प्यार  कोई  ख़ता  तो  नही।
तुम्हारे  बारे  में   हमको  पता  भी  नहीं।।
हमको लगता जैसा क्या तुमको भी लगता ?
तुम्हारे बिना दिल मेरा अब लगता भी नहीं।।
दिल  के  दर्द  को  कलम  से  बयां  करते।
कैसे  लिखे  ग़ज़ल  हम  'अता'  तो  नहीं।।
समझता  नहीं  कोई  दर्द - ए - दिल मेरा।
कैसे  सुनायें  दुखड़ा  हम  'लता'  भी  नहीं।।
पहले किसी की दिल को  फ़िकर नहीं थी।
जब से हुआ दीवाना दिल हँसता भी नहीं।।
कहता  है  मन  मेरा  तूँ  उसको  भूल  जा।
मन का इस पे कोई जोर चलता भी नहीं।।

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर प्रस्तुति !
    आज आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा अप्पकी रचनाओ को पढ़कर , और एक अच्छे ब्लॉग फॉलो करने का अवसर मिला !

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    1. धन्यवाद संजय जी। आपने मेरा हौसला बढ़ाया।

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