बुधवार, 5 नवंबर 2014

भले ही तुम हमसे दूर हो जाओ ।।

अँधेरा न आये ज़िन्दगी में कभी तुम नूर हो जाओ ।
संसार क्या है चीज  तुम ज़न्नत  के हूर हो जाओ ।।
हर  पल   ख़ुशी  की  तुम्हारी   कामना   करता  हूँ ।
तुम  आँसुओ  के  सागर  से  बहुत  दूर  हो  जाओ ।।
है   दुआ  हमारी   तुम्हारी   हर   तमन्ना  हो  पूरी ।
तुम   चाहो   जो   होना   वो   जरूर   हो   जाओ ।।
तुम्हारी  सलामती  के  लिए  दुआ  करता  रहूँगा ।
भले    ही    तुम    हमसे    दूर   हो    जाओ ।।

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