चित्र स्रोत :- गूगल |
हमने उससे मोहब्बत की जिसके पास दिल नहीं था ।
ऐसे दरिया में कूंदे जिसका साहिल नहीं था ।।
हमने ज़िन्दगी अपनी उसको समझा ।
जिसका प्यार भी मुझे हासिल नहीं था ।।
यह सोचकर उसने मुझे ठुकरा दिया ।
उन्हें लगा की मैं उनके क़ाबिल नहीं था ।।
मेरी नादान मोहब्बत ने उसे ख़ुदा समझ लिया ।
जो ख़ुदा तो दूर खुद का कामिल नहीं था ।।
अगर थी मेरी गलती तो बस इतनी थी ।
मैं बेवफाओं की लिस्ट में शामिल नहीं था ।।
उस पर इल्ज़ाम क्यों लगाते हो "सागर" ।
वो महबूब था तेरा क़ातिल नहीं था ।।
हमने ज़िन्दगी अपनी उसको समझा
जवाब देंहटाएंये पंक्ति तो बहुत ही ख़ूबसूरत है ...
शुक्रिया शारदा जी। हौसला आफजाई करने के लिए।
हटाएंचर्चा मंच , ........ बहुत अच्छा प्रयास। धन्यवाद राजेंद्र जी
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कैलाश जी।
हटाएंउन्हें लगा की मैं उनके क़ाबिल नहीं था ।।
जवाब देंहटाएंमेरी नादान मोहब्बत ने उसे ख़ुदा समझ लिया ।
वाह
धन्यवाद आशा जी।
हटाएंहमने उससे मोहब्बत की जिसके पास दिल नहीं था ।
जवाब देंहटाएंऐसे दरिया में कूंदे जिसका साहिल नहीं था ।
..........बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं !!
संजय जी बहुत बहुत धन्यवाद कमेंट्स और ब्लॉग विजिट करने के लिए।
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