आसमान का सीना चीर के आता प्रकाश है ।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
कभी भौतिकी कभी जैविकी, रसायन में उपयोग हुआ ।
विज्ञान की हर शाखा में प्रकाश का प्रयोग हुआ ।।
विज्ञान के इमारत की नींव का नाम प्रकाश है ।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
प्रकाश संश्लेषण करके भोजन पौधे बनाते हैं ।
पृथ्वी के प्राणी सारे वही भोजन खाते हैं ।।
जितना जरूरी ऑक्सी पानी उतना ही प्रकाश है ।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
सब कुछ काला होता हर तरफ़ अँधेरा होता ।
उम्मीद किरण न होती न कभी सवेरा होता ।।
ख़ूबसूरती तब तक है जब तक प्रकाश है ।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
तुम ज़िन्दगी को अपनी विज्ञानमय कर लो ।
छोड़ो अन्धविश्वास जीवन प्रकाशमय कर लो ।।
"सागर" तो गुज़ारिश करता "पी वी एस" प्रयास है ।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
कभी भौतिकी कभी जैविकी, रसायन में उपयोग हुआ ।
विज्ञान की हर शाखा में प्रकाश का प्रयोग हुआ ।।
विज्ञान के इमारत की नींव का नाम प्रकाश है ।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
प्रकाश संश्लेषण करके भोजन पौधे बनाते हैं ।
पृथ्वी के प्राणी सारे वही भोजन खाते हैं ।।
जितना जरूरी ऑक्सी पानी उतना ही प्रकाश है ।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
सब कुछ काला होता हर तरफ़ अँधेरा होता ।
उम्मीद किरण न होती न कभी सवेरा होता ।।
ख़ूबसूरती तब तक है जब तक प्रकाश है ।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
तुम ज़िन्दगी को अपनी विज्ञानमय कर लो ।
छोड़ो अन्धविश्वास जीवन प्रकाशमय कर लो ।।
"सागर" तो गुज़ारिश करता "पी वी एस" प्रयास है ।
धरती के ऊपर साया करता आकाश है ।।
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