बुधवार, 14 अक्तूबर 2015

मुझे प्यार का मतलब समझा दो

कुछ - कुछ होता है दिल में, मेरी उलझन को सुलझा दो ।
कहते किसे हैं प्यार मुझे,  प्यार का मतलब समझा दो ।।
अब तुम छोड़ो रीति रिवाज़, अपना होता नहीं है समाज ।
तुम मुझसे मिलने आ जाओ, सारी दुनियाँ को ठुकरा दो।।
मुझे  रब  के  दर्शन  करने  का   शौक  नहीं  है  बिल्कुल ।
मेरे  यार  में  रब  दिखता है  मुझे  यार  के  दर्श करा दो ।।
कहीं   ऐसा   न   हो   कि   फ़िर   देर   बहुत   हो   जाये ।
करते  हो  जो  प्यार   मुझे   तो  जल्दी  से  अपना  लो ।।
मुझे  याद   नहीं   है   कब  से   हम   हँसना   भूल   गए ।
पहले    के   जैसा    मुझे    फिर   से   तुम    हँसा    दो ।।
तुम   भी  करते   प्यार  मुझे   एक   बार   तो   कह  दो ।
मेरी  खुशियाँ  वापस  कर दो  मेरा  चैन  भी  लौटा  दो ।।
आज    तक    तुमको   मैं     समझ   नहीं    पाया    हूँ ।
तुम  मेरी   कौन   लगती  हो   असली  बात   बता  दो ।।

रविवार, 10 मई 2015

माँ का शब्द ही मरहम का काम करता है।

माँ का शब्द ही मरहम का काम करता है।
हर सुपुत्र अपने बाप का नाम करता है।।
मिल जाता है सुकुन उसको।
जो माँ की पूजा सुबह शाम करता है।।

शनिवार, 2 मई 2015

आशियाना न बना गर तेरी गली में ।

चित्र स्रोत - गूगल
आशियाना   न   बना   गर   तेरी   गली   में ।
क़ब्र  के   लिए  जगह   मिले   तेरी  गली  में ।।
होगा   दीदार    तुम्हारा    किसी   बहाने   से ।
सोचकर  आशिक़   भटकता   तेरी  गली  में ।।
घर  का   तेरे  पता   मालूम   नहीं   फ़िर  भी ।
मंजिल   मिलेगी    हमको    तेरी   गली   में ।।
ख़ुदा   के    दर    पे    फ़रियाद    क्या    करें ।
हमको  नज़र  आती  ज़न्नत  तेरी  गली  में ।।
न मक्का न मदीना न काशी की ख़्वाहिश है ।
निकले   हमारी   जान   भी   तेरी   गली  में ।।

सोमवार, 6 अप्रैल 2015

आसमान का सीना चीर के आता प्रकाश है ।

आसमान   का   सीना   चीर   के   आता   प्रकाश   है ।
धरती    के    ऊपर     साया    करता    आकाश    है ।।
कभी भौतिकी कभी जैविकी, रसायन में उपयोग हुआ ।
विज्ञान  की  हर  शाखा  में  प्रकाश  का प्रयोग  हुआ ।।
विज्ञान  के  इमारत  की  नींव  का  नाम   प्रकाश  है ।
धरती    के    ऊपर    साया     करता    आकाश    है ।।
प्रकाश   संश्लेषण   करके   भोजन  पौधे   बनाते  हैं ।
पृथ्वी   के   प्राणी    सारे    वही   भोजन    खाते   हैं ।।
जितना जरूरी  ऑक्सी  पानी  उतना  ही  प्रकाश  है ।
धरती    के   ऊपर    साया     करता     आकाश   है ।।
सब   कुछ  काला   होता   हर  तरफ़   अँधेरा   होता ।
उम्मीद   किरण   न   होती  न   कभी  सवेरा  होता ।।
ख़ूबसूरती    तब   तक   है   जब    तक   प्रकाश   है ।
धरती     के    ऊपर    साया    करता    आकाश   है ।।
तुम   ज़िन्दगी  को   अपनी   विज्ञानमय   कर  लो ।
छोड़ो  अन्धविश्वास  जीवन  प्रकाशमय   कर  लो ।।
 "सागर" तो गुज़ारिश करता "पी वी एस" प्रयास है ।
धरती    के    ऊपर    साया    करता    आकाश   है ।।

शनिवार, 14 मार्च 2015

इतना पता चला फिर नफ़रत नहीं रही ।।

तुमको  हमसे  जब से  मोहब्बत  नहीं रही ।
मेरे  प्यार  में भी  उतनी  शिद्द्त  नहीं रही ।।
अपना बना के छोड़ देना आदत है तुम्हारी ।
इतना  पता  चला  फिर  नफ़रत  नहीं रही ।।

रविवार, 22 फ़रवरी 2015

उससे हमारा रिश्ता कुछ अज़ीब सा है।

उससे    हमारा    रिश्ता   कुछ   अज़ीब   सा   है।
मेरी   ज़िन्दगी   का  लगता   वो  नसीब  सा  है।।
बहुत सोचता है इज़हार - ऐ - मोहब्बत से पहले।
प्यार    देने    में    वो    थोडा    गरीब    सा   है।।
दूरी   इतनी   कि   मिल   पाना   आसाँ  नहीं  है।
फिर    भी   वो   मेरे   दिल   के   करीब   सा   है।।
उसके   खो   जाने   का   डर   रहता   है   हमेशा।
हर    शख्स    मुझे    लगता    रक़ीब    सा    है।।
मै  मौला  की  इनायत  का  तलबगार  नहीं  हूँ।
मेरा     प्यार     मेरे    लिये     हबीब    सा    है।।

मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015

धोखा मुझे दिया तूने क्यों बेवफ़ा ।।

आती     है     याद     तेरी    ओ     बेवफा ।
जाती     है    जान    मेरी    ओ     बेवफा ।।
पूछते  हैं  दिल  के  टुकड़े   बता  दो  मुझे ।
धोखा   मुझे   दिया   तूने   क्यों   बेवफ़ा ।।
अभी चलती है धड़कन न छोड़ जाओ तुम ।
हम मर जायें बिना दीद के न दो ये सज़ा ।।
कर   पाया   न   ठीक   डॉक्टर   ने   मुझे ।
दो दर्शन मुझे  तो  मिल  जायेगी  शिफ़ा ।।
ख़ुदा  का   उठे   हाथ   हिफाज़त   में  तेरे ।
की     आरज़ू     हमने     कितने    दफ़ा ।।

मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015

निकल गया वो ज़माना जब तुम्हारा सज़दा करते थे ।

निकल गया वो ज़माना जब तुम्हारा सज़दा करते थे ।
तुम  भी  नहीं  थे  बेवफ़ा  तब  हमसे  वफ़ा  करते  थे ।।
जुदाई  का  हर  लम्हा  गुज़रता  था  तेरी  इबादत  में ।
तुम  ख़ुश  रहना  हमेशा  बस  इतनी  दुवा  करते  थे ।।
तड़पता  था  तेरी  याद  में  जब   बेबस  हमारा  दिल ।
नाम   तुम्हारा    लिखकर    चूम   लिया   करते   थे ।।
ज़िन्दगी    में    मेरे    क्या    थी    अहमियत    तेरी ।
जब   दर्द   होता   था   तेरा   नाम   लिया   करते  थे ।।
मेरी  ज़िन्दगी  को रोशन  तुम करते थे  दीप बनकर ।
अँधेरों   में   भी   तुझको   पहचान  लिया   करते  थे ।।
कैसे   करूँ   यक़ीन   मैं   तेरी   सादगी   का  फिर  से ।
तुम  भरोसे   का  मेरे   क़त्लेआम   किया   करते  थे ।।

रविवार, 1 फ़रवरी 2015

हाइड्रोजन ऑक्सीजन मिलकर जो बनता वो पानी है ।

हाइड्रोजन  ऑक्सीजन  मिलकर  जो  बनता  वो  पानी  है ।
इसका  महत्व  इतना  है  विज्ञान  भी  इसकी  दिवानी  है ।।
जीवन    की   हर    क्रिया    पूरी    होती   है   जीवद्रव   में ।
जल की हिफाज़त करना लिखा  है  हम सब के कर्तव्य में ।।
ब्रह्माण्ड  के जिस  हिस्से में  पानी  वहीं  पे ज़िन्दगानी है ।
हाइड्रोजन  ऑक्सीजन  मिलकर  जो  बनता वो  पानी  है ।
जीवद्रव  की रचना करने में  पानी  का योगदान ज्यादा है ।
जीवन में  पानी ऑक्सीजन का  महत्व  आधा - आधा  है ।।
रूप    नया    दिया    हमने    लेकिन    बात    पुरानी    है ।
हाइड्रोजन  ऑक्सीजन  मिलकर  जो  बनता  वो  पानी  है ।
पानी  से  बिजली  बनती  है  जीवन  को  रोशन  करती  है ।
धरती  की गोद  में पानी है  इसलिए  पूज्यनीय  धरती  है ।।
बर्बाद   करो   न   पानी  को   ख़ुशहाली   की   निशानी   है ।
हाइड्रोजन  ऑक्सीजन  मिलकर  जो  बनता  वो  पानी  है ।
पानी   में   जीवन   होता   है   जीवन   में   पानी   होता  है ।
"सागर "  तुझे  जगाता है  क्यों  कुम्भकरण  सा  सोता  है ।।
पानी की रक्षा नहीं होती  तो  किस काम की तेरी जवानी है ।
हाइड्रोजन  ऑक्सीजन  मिलकर  जो  बनता  वो  पानी  है ।

सोमवार, 26 जनवरी 2015

हिंदुस्तान का जहाँ में जवाब नहीं ।


हिंदुस्तान   का  जहाँ  में  जवाब  नहीं ।
इसकी चमक है हक़ीक़त  महताब  नहीं ।।
कहते कलाम  हिंदुस्तान  होगा विकसित ।
भारत की शक्ति से दुनियाँ हुयी परिचित ।।
हमने देखा है सपना  कोई  ख्वाब  नहीं ।
हिंदुस्तान  का  जहाँ  में   जवाब  नहीं ।।
हिंद के जवानों का  अंग  भंग  करता है ।
सीज फायर  का ये  उल्लंघन  करता है ।।
पाक  दुश्मन  हमारा  है  अहबाब  नहीं ।
हिंदुस्तान   का  जहाँ  में  जवाब  नहीं ।।
झुकने  न  देना  सर  कटा  लेना  तुम ।
देश  की  शान  को   बचा  लेना  तुम ।।
झुक जाये  सर जिसका  वो नवाब  नहीं ।
हिंदुस्तान   का  जहाँ  में  जवाब  नहीं ।।
भारत  सरकार  क्यों  देती  सम्मान  है ।
नींचनींचनींचनींच  नींच पाकिस्तान है ।।
इसने अदब से किया  कभी  आदाब नहीं ।
हिंदुस्तान   का  जहाँ  में  जवाब  नहीं ।।
भीख माँग के खाता और बनता होशियार है ।
हथियार   चीन  से  मँगाता  उधार  है ।।
ये  मुर्गे  की  बिरयानी  है  क़बाब नहीं ।
हिंदुस्तान   का  जहाँ  में  जवाब  नहीं ।।
उत्तर में हिमालय का है  सीना  फौलादी ।
पश्चिम में सागर और कश्मीर में है वादी ।।
इसके हुस्न के जैसा  कोई  शबाब  नहीं ।
हिंदुस्तान   का  जहाँ  में  जवाब  नहीं ।।

शनिवार, 24 जनवरी 2015

देखो हमारा भारत श्रंगार कर रहा ।।

दुश्मन    तो   मुल्क   पे   वार   कर  रहा ।
देखो   हमारा   भारत   श्रंगार   कर   रहा ।।
इस मुल्क का हर बच्चा ऐसा काम करेगा ।
विश्व   में    भारत     का    नाम   करेगा ।।
आने  वाले  कल  का  इन्तज़ार  कर  रहा ।
देखो   हमारा   भारत   श्रंगार   कर   रहा ।।
सोने की चिड़िया की रखना तुम निगरानी ।
इस काम के लिए  चाहे  हो  जाये क़ुर्बानी ।।
दुश्मन  तो सीमा  मुल्क़ की  पार  कर रहा ।
देखो   हमारा    भारत   श्रंगार   कर   रहा ।।
झुकने को पाकिस्तान को मज़बूर कर देना ।
शीशे की तरह इसको  चकनाचूर कर देना ।।
बेशरम  तो   भारत   से  टकरार   कर  रहा ।
देखो    हमारा   भारत    श्रंगार   कर   रहा ।।
भारत   के   वीर   मौत  से  डरते   नहीं   है ।
मर जायें  चाहे  फिर  भी ये  मरते  नहीं  हैं ।।
भारत का हर इन्सां  मौत से प्यार कर रहा ।
देखो   हमारा    भारत    श्रंगार   कर   रहा ।।
शहीदों के लिए तिरंगा  है कपड़ा कफ़न का ।
बागियों  ने   देखा  जो   सपना   वतन  का ।।
आज़ाद   हिन्द   सपना   साकार   कर  रहा ।
देखो   हमारा    भारत    श्रंगार    कर   रहा ।।
शहीदों  की   याद   जब  आती   ज़िन्दगानी ।
दिल से दुवा निकलती आँखों से गिरता पानी ।।
शहीदों को नमन "सागर" बारम्बार कर रहा ।
देखो    हमारा    भारत    श्रंगार   कर   रहा ।।

रविवार, 18 जनवरी 2015

हर्फ़ रोने लगते हैं मैं जब भी रोता हूँ ।

मालूम  है  वो  हमारी   किस्मत  में  नहीं  है ।
फिर भी उस से दूर होने को दिल नहीं करता ।।

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कभी      ख़्वाहिश      थी     उसे     पाने     की ।
अब तो लगता है वो मेरा बना रहे वही काफी है ।।

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हर्फ़  रोने  लगते  हैं  मैं  जब  भी  रोता  हूँ ।
सूखे  पेड़   मेरी   कहानी   बयाँ   करते  हैं ।।

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हम अपने  मोहब्बत  की  नुमाइश  नहीं कर पाते ।
और  वो  समझते  हैं  कि  हम  प्यार  नहीं  करते ।।

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गुरुवार, 15 जनवरी 2015

मुबारक़ हो तुमको जनम दिन तुम्हारा।।

गहरी  झील ने  हमारी  किया है इशारा ।
मुबारक़ हो तुमको जनम दिन तुम्हारा ।।
निकले हैं जफ्ज़ दिल से  क़बूल कर लो ।
इनके सिवा दुनियाँ में कुछ नहीं हमारा ।।
भीड़ में जिसको  तलाशे  नज़र तुम्हारी ।
नज़रों का तुम्हारी वो बन जाये नज़ारा ।।
हँसते  हुए   दिल  को   जो  रुला   जाये ।
वो  पल  ज़िन्दगी  में  न  आये  दुबारा ।।
भूल   कर   उनको    कभी   न   रुलाना ।
तुम   हो   जिनकी   आँखों   का   तारा ।।
करके मोहब्बत हमसे नफ़रत न करना ।
तुम्हारे   सिवा  यहाँ   कौन   है  हमारा ।।
मोहब्बत  करें  तेरी   इबादत  करें  हम ।
तूफानों में भी तुझको मिल जाये किनारा ।।
न    हो    मुलाकात     कभी    आख़िरी ।
जुदाई   के   बाद   मिलो   तुम   दुबारा ।।
टूटा  जो   दिल   मेरा   तो   क्या   हुआ ।
दिल के  लिए  तो तूँ  अब  भी  है प्यारा ।।
मुबारक़ हो तुमको जनम दिन तुम्हारा ।।

मंगलवार, 13 जनवरी 2015

कभी माँगने लगे न वो तस्वीर अपनी ।

यादों   को   उसकी    हम   भुला   न   सके ।
किसी  और  से   दिल  को  लगा  न   सके ।।
कभी  माँगने  लगे  न  वो  तस्वीर  अपनी ।
यही   सोच   कर    हम    जला   न    सके ।।
उसके बिना  ज़िन्दा रहना मुश्किल है मेरा ।
हैं   हालात   ऐसे   उसको   बुला   न   सके ।।
उसके    खयालों    में   मैं    दूर   हो   गया ।
आज  भी  करते  प्यार  उसे  बता  न  सके ।।
बहुत  हँसते थे  जब वो  हमसफ़र  था मेरा ।
तन्हा  हुए  जब से  ख़ुद  को  हँसा  न सके ।।
उसने  कहा  था  खूब  हँसा  करो   "सागर" ।
जब याद उसकी आयी  आँसू  छुपा न सके ।।

सोमवार, 12 जनवरी 2015

तुम ख़ुश रहना हम दुवा करेंगे ।।

मालूम नहीं था  वो जफ़ा करेंगे ।
जिसने कहा था हम वफ़ा करेंगे ।।
दूर  मुझसे  होकर  वो  कहते  हैं ।
तुम ख़ुश रहना  हम  दुवा करेंगे ।।

शनिवार, 10 जनवरी 2015

पर मेरा तो यादों ने जीना मुश्किल कर दिया ।।

नाम उसके अपनी साँसे धड़कन दिल कर दिया ।
ख़ुद डूब गये और उसके पास साहिल कर दिया ।।
कहते हैं लोग  कि यादें जीने का सहारा होती  हैं ।
पर  मेरा तो यादों ने  जीना मुश्किल  कर दिया ।।

गुरुवार, 8 जनवरी 2015

उसने कहा था कि अपनी तस्वीर भेज दो ।

मेरी गुज़ारिश पर भी मुझसे मुलाक़ात नहीं करती ।
ख़ूब   किया   याद   अब   याद   भी  नहीं   करती ।।
उसने   कहा   था  कि   अपनी   तस्वीर   भेज  दो ।
अब   कैसे   भेजूँ  जब  वो   बात  ही  नहीं  करती ।।

मंगलवार, 6 जनवरी 2015

वक़्त के साथ में क्या - क्या बदल गया ।

वक़्त  के  साथ  में  क्या  -  क्या  बदल   गया ।
हम  वही  तुम  वही  बस   वक़्त   बदल  गया ।।
बेदर्द    इस   ज़माने   में    ज़िन्दा   वही   रहा ।
वक़्त    से   पहले    जो    भी    सँभल    गया ।।
ऐतबार   नहीं   मुझको   अब   रहा   किसी   पे ।
धोखा  दिया  उसने  जो ज़िन्दगी  बदल  गया ।।
कुछ  नहीं  है दुनियाँ में  बस वक़्त का है  खेल ।
हाथ कुछ नहीं आयेगा गर वक़्त निकल गया ।।
गुलशन में क्यों ढूंढ़ते  अब  कलियों की  रानी ।
जब  से  आयी   बहार   हर  फूल  खिल   गया ।।
क्यों  हो रहे उदास  तुम  इस तरह से  "सागर" ?
तुम्हें    तो   तुम्हारा    महबूब    मिल    गया ।।

सोमवार, 5 जनवरी 2015

शिक्षा बिना काम नहीं चलता ।।

बूँद - बूँद से घड़ा है भरता । शिक्षा बिना  काम  नहीं चलता ।।
शुरू करो न काम ऐसा । जिसको करने में दिल नहीं लगता ।।
कश्ती   पार   होती  उसकी । तूफ़ानों   से  जो   नहीं   डरता ।।
जीना  दूभर  होता  उसका । रोता  ज्यादा  कम  जो  हँसता ।।
जीवन तो कट ही जाता है । साथ में जब कोई अपना रहता ।।
जानवरों से बद्तर वो है । करुणा, दया जिसमे नहीं  बसता ।।

रविवार, 4 जनवरी 2015

कि "सागर" भी अब तो समन्दर हुआ ।।

ख़ुदा   का   आज   पैदा    पैग़म्बर   हुआ ।
नबी   का    आख़िरी    ये   नम्बर   हुआ ।।
मोहम्मद   ने   पहला   क़दम   जब  रखा ।
जमीं   ख़ुश    हुयी   और   अम्बर   हुआ ।।
भाई - चारे से रहना जब सिखलाया उसने ।
खुराफ़ातियों का मन फिर दिगम्बर हुआ ।।
बज़्म - ए - नबी  की जो  आया  कभी  भी ।
वो     पत्थर    नहीं    संगमरमर     हुआ ।।
ख़ुदा      ने     मुझको      इतना      दिया ।
कि  "सागर"  भी अब तो  समन्दर  हुआ ।।


सभी को जश्न - ए - ईद मिलाद - उन - नबी मुबारक़ हो।

शनिवार, 3 जनवरी 2015

खुशियों की नई किरण लेकर आया वर्ष नूतन ।

खुशियों  की  नई  किरण  लेकर  आया  वर्ष  नूतन ।
इतना  खूबसूरत  हो  वर्ष  जितनी  होती  है  दुल्हन ।।
इन खुशियों की किरण से आपका उज्जवल हो भविष्य ।
आपकी   छवि   फैले  जहाँ  हों   धरती  और  गगन ।।

देखने को मिला जो हमको नया वर्ष है ।

देखने को मिला जो हमको नया वर्ष है ।
कैसे बतायें दिल में मेरे कितना हर्ष है ।।
पाकर के बधाई प्रियजनों की झूमने लगे।
झूमते  हम  ऐसे  जैसे  पी  ली  चर्स  है ।।

गुजरा हुआ साल तो ख़्वाब था ।

गुजरा     हुआ     साल     तो     ख़्वाब     था ।
नये   साल   के   इंतज़ार    में   दिल   बेताब   था ।।
नये     साल     की     हक़ीक़त     हो     ऐसी ।
तुम निकलो जिधर से लोग समझें कोई महताब था ।।

गुरुवार, 1 जनवरी 2015

हँसकर के पन्द्रह तेरा स्वागत किया है ।

रोकर  के  चौदह  को  रुख़सत  किया  है ।
हँसकर के पन्द्रह तेरा  स्वागत किया है ।।
तहे  दिल से उसको  भी  शुभकामना दी ।
साल भर जिसने मुझसे नफ़रत किया है ।।
नये  साल तू  उसके अरमान  पूरे करना ।
जिसने मुझसे कभी  मोहब्बत  किया है ।।
मेरे  अपनों  को  तू   कभी  रुलाना  नहीं ।
तुझसे यही आरज़ू और हसरत किया है ।।
मेरे ख़ुदा  यार से  मुझको  ऐसे मिलाना ।
जैसे पानी और चीनी को शरबत किया है ।।

आज 2015 की ख़ुशी और 2014 की है कश्मकश ।

आज   2015   की   ख़ुशी  और  2014   की   है   कश्मकश ।
हँसकर शुरू करो दिन साल का  ये साल भी बीते हँस - हँस ।।
जिसके साथ वक़्त गुजारो उसे भूलना आसान कहाँ होता है ।
मुश्किल हो रहा तुझे भूलना  14  तू बसा  है मेरे नस - नस ।।