शनिवार, 2 अगस्त 2014

मोहब्बत में शैतान भी इंसान हो जाते हैं

बेवफा  भी   वफ़ा  के   कद्रदान   हो  जाते  हैं ।
मोहब्बत  में  शैतान  भी  इंसान  हो जाते  हैं ।
गरीबों   के   दर्द   को  एहसास   करके  देखो ।
गरीबों  के लिए  दाता   भगवान   हो जाते  हैं ।
जो   सपनें    कभी    पूरे   हो    नहीं    सकते ।
अक्सर  वो  ज़िन्दगी  के  अरमान  हो  जाते ।
जिनको   हमेसा   हम   अपना   समझते   हैं ।
वो किस्मत के रुठने पर अन्जान  हो जाते हैं ।
कठिनाइयों को पार करके जो पाते हैं मंज़िल ।
वो   यात्री    नहीं    फाहियान    हो    जाते   हैं ।
तू ऐतबार  करता है   जिस  पर  भी  'सागर' ।
वो  भूल   कर   ईमान   बेईमान  हो  जाते  हैं ।

1 टिप्पणी:

  1. कमेंट करने के लिए हार्दिक धन्यवाद। आपने ब्लॉगप्रहरी के बारे में जो जानकारी दी उसके लिए हम आपके शुक्रगुजार हैं।

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