बुधवार, 30 जुलाई 2014

राष्ट्र का गौरव तू वतन की जान है

राष्ट्र  का  गौरव  तू  वतन  की  जान  है ।
सरहद  पर   हुए  शहीदों   की    शान  है । 
देश  का  भविष्य  है  कंधो  पर  तुम्हारे । 
कदमों  को  बढ़ाये  जाओ  रहो न सहारे ।
कारनामो से तुम्हारी भारत की पहचान है।
राष्ट्र का गौरव तू ........
रोतों को हँसाता चल, कदमों को बढ़ाता चल ।
प्यार तू लुटाता चल, सबको अपना बनाता चल।
तू    तो    भारत    का    जवान    है ।
राष्ट्र का गौरव तू ........
लैला  से   किया  था   मंजनू   ने  प्यार ।
किया  था   बच्चों   से  नेहरू   ने  प्यार ।
दे  प्यार  जो  किसी  को  वो  इंसान  है ।
राष्ट्र का गौरव तू ........
देश  को  अपने   मै  वो   मुकाम   दूँगा ।
दुनियाँ में  इसको अलग  पहचान दूँगा ।
मेरा सागर नाम है , मेरा सागर नाम है ।
राष्ट्र  का  गौरव तू  वतन  की  जान  है । 

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