उसकी यादों ने आँखों को नम कर दिया ।
याद करना उसे हमने कम कर दिया ।।
ठण्डी काया मेरी जब भी होने लगी ।
उसने आकर के फिर से गरम कर दिया ।।
अब तो ऐतबार करने में देर लगता है ।
मेरे दिल में पैदा उसने भरम कर दिया ।।
वो सितम ढाने वाले सितमगर हुए ।
प्यार मुझसे ही करके मुझ पर सितम कर दिया ।।
सर उठा कर जो जीने की बात करते थे ।
सर उठा कर चले तो कलम कर दिया ।।
'सागर' अदा करता है खुदा का शुक्रिया ।
मुझको ज़िंदा रखकर मुझ पर रहम कर दिया ।।
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