वो जब से मेरा आशना हो गया ।
अपनी किस्मत पे मेरा सोचना हो गया ।।
सूरत बसी उसकी आँखों में जब से ।
सारी - सारी रात जागना हो गया ।।
हक़ीकत में जी भर के देख न पाया ।
ख़्वाबों में उसको निहारना हो गया ।।
करके हिम्मत फोन पे सब कुछ कह डाला ।
कह न पाया जब सामना हो गया ।।
वो लड़की मेरी ज़िन्दगी बन गयी ।
हर दुआ में उसी को माँगना हो गया ।।
कैसे अब चुप रह सकता है 'सागर' ।
सीने में यादों का उबलना हो गया ।।
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