चित्र स्रोत - गूगल |
हम तन्हा कभी जब सफ़र जायेंगे ।
नहीं मानेंगे साथ रहगुज़र जायेंगे ।।
ठुकरा के तुम जो चले जाओगे ।
हम माला के जैसे बिखर जायेंगे ।।
दर्द देंगे कभी तो है वादा हमारा ।
आँसू बनकर के दिल से उतर जायेंगे ।।
बस इनायत के भूखे है हम आपके ।
तुम दे दो थोड़ा प्यार तर जायेंगे ।।
सबको मालूम है हम हैं तुम्हारे सनम ।
अब निकाला तो हम किसके घर जायेंगे ।।
तुम ढूंढ़ते रहोगे हम मिलेंगे नहीं ।
हम जायेंगे जब इस क़दर जायेंगे ।।
सच कहती पंक्तियाँ .
जवाब देंहटाएंRecent Post किस बात का गुनाहगार हूँ मैं
शुक्रिया संजय जी। मुझे आपका ब्लॉग अच्छा लगा। वक़्त की कमी के कारण कमेंट्स नहीं कर सका। उसका मुझे खेद है। वक़्त मिलते ही आपको कंमेंट्स करूँगा।
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