यादों को उसकी हम भुला न सके ।
किसी और से दिल को लगा न सके ।।
कभी माँगने लगे न वो तस्वीर अपनी ।
यही सोच कर हम जला न सके ।।
उसके बिना ज़िन्दा रहना मुश्किल है मेरा ।
हैं हालात ऐसे उसको बुला न सके ।।
उसके खयालों में मैं दूर हो गया ।
आज भी करते प्यार उसे बता न सके ।।
बहुत हँसते थे जब वो हमसफ़र था मेरा ।
तन्हा हुए जब से ख़ुद को हँसा न सके ।।
उसने कहा था खूब हँसा करो "सागर" ।
जब याद उसकी आयी आँसू छुपा न सके ।।
किसी और से दिल को लगा न सके ।।
कभी माँगने लगे न वो तस्वीर अपनी ।
यही सोच कर हम जला न सके ।।
उसके बिना ज़िन्दा रहना मुश्किल है मेरा ।
हैं हालात ऐसे उसको बुला न सके ।।
उसके खयालों में मैं दूर हो गया ।
आज भी करते प्यार उसे बता न सके ।।
बहुत हँसते थे जब वो हमसफ़र था मेरा ।
तन्हा हुए जब से ख़ुद को हँसा न सके ।।
उसने कहा था खूब हँसा करो "सागर" ।
जब याद उसकी आयी आँसू छुपा न सके ।।
हृदय से आभार संजय जी !
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