मेरी गुज़ारिश पर भी मुझसे मुलाक़ात नहीं करती ।
ख़ूब किया याद अब याद भी नहीं करती ।।
उसने कहा था कि अपनी तस्वीर भेज दो ।
अब कैसे भेजूँ जब वो बात ही नहीं करती ।।
ख़ूब किया याद अब याद भी नहीं करती ।।
उसने कहा था कि अपनी तस्वीर भेज दो ।
अब कैसे भेजूँ जब वो बात ही नहीं करती ।।
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंआभार मनोज जी !
हटाएंसुन्दर मुक्तक।
जवाब देंहटाएंआभार व्यक्त करता हूँ !
हटाएंशुक्रिया जी !
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया..
जवाब देंहटाएंबहुत - बहुत धन्यवाद अमृता जी।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया रीना जी !
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