मालूम है वो हमारी किस्मत में नहीं है ।
फिर भी उस से दूर होने को दिल नहीं करता ।।
********************************************
कभी ख़्वाहिश थी उसे पाने की ।
अब तो लगता है वो मेरा बना रहे वही काफी है ।।
********************************************
हर्फ़ रोने लगते हैं मैं जब भी रोता हूँ ।
सूखे पेड़ मेरी कहानी बयाँ करते हैं ।।
********************************************
हम अपने मोहब्बत की नुमाइश नहीं कर पाते ।
और वो समझते हैं कि हम प्यार नहीं करते ।।
*********************************************
फिर भी उस से दूर होने को दिल नहीं करता ।।
********************************************
कभी ख़्वाहिश थी उसे पाने की ।
अब तो लगता है वो मेरा बना रहे वही काफी है ।।
********************************************
हर्फ़ रोने लगते हैं मैं जब भी रोता हूँ ।
सूखे पेड़ मेरी कहानी बयाँ करते हैं ।।
********************************************
हम अपने मोहब्बत की नुमाइश नहीं कर पाते ।
और वो समझते हैं कि हम प्यार नहीं करते ।।
*********************************************
हम अपने मोहब्बत की नुमाइश नहीं कर पाते ।
जवाब देंहटाएंऔर वो समझते हैं कि हम प्यार नहीं करते ।।
..बहुत खूब! प्यार दोनों ओर बराबर हो तो प्यार में मन में बेवजह डर पैदा नहीं होता ...
शुक्रिया कविता जी।
हटाएंबहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी।
हटाएंहम अपने मोहब्बत की नुमाइश नहीं कर पाते ।
जवाब देंहटाएंऔर वो समझते हैं कि हम प्यार नहीं करते ।।
क्या बात है ... आज तो सच में प्रेम दिखाना भी पड़ता है ... हर शेर लाजवाब है ...
हाँ दिगम्बर जी प्यार का इज़हार करना जरुरी हो गया अब तो। लोग समझते ही नहीं भावनाओं को।
हटाएं