छोड़कर दुनियाँ को सारी तुमसे प्यार करते हैं ।
बंद नज़रों से भी तेरा दीदार करते हैं ।।
मालूम है हमको तू नहीं मिलेंगी मुझको ।
फिर भी बेसब्री से तेरा इंतज़ार करते हैं ।।
बंद नज़रों से भी तेरा दीदार करते हैं ।।
मालूम है हमको तू नहीं मिलेंगी मुझको ।
फिर भी बेसब्री से तेरा इंतज़ार करते हैं ।।
सागर जी आप बहुत अच्छा लिखते हैं !
जवाब देंहटाएंआप अपनी पोस्ट को निरंतर लिखते रहे ताकि हमको बार बार आपके ब्लॉग पर आने का मौका मिले
मनोज जी हम आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। आपकी हर एक टिप्पणी मुझे हौसला देती है।
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