मंगलवार, 11 नवंबर 2014

फिर भी बेसब्री से तेरा इंतज़ार करते हैं ।

छोड़कर दुनियाँ को सारी तुमसे प्यार करते हैं ।
बंद   नज़रों   से   भी   तेरा   दीदार   करते  हैं ।।
मालूम   है   हमको  तू  नहीं  मिलेंगी  मुझको ।
फिर   भी  बेसब्री  से  तेरा   इंतज़ार  करते  हैं ।।

2 टिप्‍पणियां:

  1. सागर जी आप बहुत अच्छा लिखते हैं !

    आप अपनी पोस्ट को निरंतर लिखते रहे ताकि हमको बार बार आपके ब्लॉग पर आने का मौका मिले

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    1. मनोज जी हम आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं। आपकी हर एक टिप्पणी मुझे हौसला देती है।

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