चित्र स्रोत - गूगल |
इतिहास हमसे मिटाया नहीं गया ।
उसकी यादों का कागज़ जलाया नहीं गया।।
उसने तो भुला दिया आसानी से मुझे ।
लाख कोशिशों बाद वो भुलाया नहीं गया।।
क्या निभाते वो साथ ज़िन्दगी का ।
जिनसे एक वादा भी निभाया नहीं गया ।।
हम तो कन्धों पे लिए फिरते हैं दर्द ज़माने का ।
एक ज़नाज़ा भी मेरा उनसे उठाया नहीं गया ।।
मेरे चाहत की ये तासीर थी जो ।
उसपे इल्ज़ाम बेवफ़ा का लगाया नहीं गया ।।
उनसे तुम क्या उम्मीद करते हो "सागर" ।
जिनसे दुआ में भी हाथ उठाया नहीं गया ।।
बहूत सून्दर सागर भाई
जवाब देंहटाएंबहुत - बहुत धन्यवाद आपका।
हटाएंएक एक शब्द रग में समाता हुआ..!!
जवाब देंहटाएंसंजय जी, मैं आपका दिल से आभार व्यक्त करता हूँ। आप जैसे पाठकों के कंमेंट्स मुझे बहुत ख़ुशी देते है
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