किसी फ़रेबी से शराफ़त की उम्मीद करते हैं ।
जिसने लूटा है हमेशा उसी से हिफाज़त की उम्मीद करते हैं ।।
जिसको पता नहीं की दर्द क्या होता है ।
ऐसे बेदर्दी से इनायत की उम्मीद करते हैं ।।
लगायी हथकड़ी हैं हाथों में जिसने ।
हम जमानत की उसी से उम्मीद करते हैं ।।
धोखा दिया है जिसने शराफ़त के नाम पर।
हम उस बेवफा से मोहब्बत की उम्मीद करते हैं ।।
क़यामत आयेगी उसकी डोली उठेगी जिस दिन ।
फिर भी न आये क़यामत ये उम्मीद करते हैं ।।
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