जो अदभुद है वो तो अविष्कार है ।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
गोबर से रोशन गाँव कर दिया ।
रददी से धन्धा शुरू कर दिया ।।
अन्धविश्वास छोड़ा लोग जागरूक हुए ।
मेरी बातों ने अब तो असर कर दिया ।।
जहाँ विज्ञान है न कुछ बेकार है ।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
कोई सपने नहीं अब अधूरे बचे ।
इन्सानों के क़रीब तो सितारे हुए ।।
विश्वास जिसने विज्ञान पर किया ।
अरमान सारे उनके पूरे हुए ।।
विज्ञान जिसकी बनी यार है ।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
इंटरनेट के बिना लोग खाली से हैं ।
फूल खिलते अब सपनों की डाली से हैं ।।
विज्ञान का युग आया है जब से ।
हर दिन लगते हमें अब दिवाली से हैं ।।
आज मोहताज़ इसका सारा संसार है ।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
असंभव को संभव करके दिखाया ।
माइक्रोचिप में सागर भरके दिखाया ।।
चाँद को छूना भी मुश्किल लगता था ।
चाँद पर इंसान ने चलके दिखाया ।।
आज विज्ञान की जय - जय कार है ।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
गोबर से रोशन गाँव कर दिया ।
रददी से धन्धा शुरू कर दिया ।।
अन्धविश्वास छोड़ा लोग जागरूक हुए ।
मेरी बातों ने अब तो असर कर दिया ।।
जहाँ विज्ञान है न कुछ बेकार है ।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
कोई सपने नहीं अब अधूरे बचे ।
इन्सानों के क़रीब तो सितारे हुए ।।
विश्वास जिसने विज्ञान पर किया ।
अरमान सारे उनके पूरे हुए ।।
विज्ञान जिसकी बनी यार है ।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
इंटरनेट के बिना लोग खाली से हैं ।
फूल खिलते अब सपनों की डाली से हैं ।।
विज्ञान का युग आया है जब से ।
हर दिन लगते हमें अब दिवाली से हैं ।।
आज मोहताज़ इसका सारा संसार है ।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
असंभव को संभव करके दिखाया ।
माइक्रोचिप में सागर भरके दिखाया ।।
चाँद को छूना भी मुश्किल लगता था ।
चाँद पर इंसान ने चलके दिखाया ।।
आज विज्ञान की जय - जय कार है ।
ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है ।।
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