शुक्रवार, 5 दिसंबर 2014

ढोंगी कहते इसे ये चमत्कार है।

जो   अदभुद   है  वो  तो  अविष्कार  है ।
ढोंगी   कहते   इसे   ये   चमत्कार   है ।।
गोबर   से    रोशन   गाँव   कर   दिया ।
रददी   से   धन्धा   शुरू    कर    दिया ।।
अन्धविश्वास छोड़ा लोग जागरूक हुए ।
मेरी बातों  ने अब तो  असर कर  दिया ।।
जहाँ   विज्ञान   है   न   कुछ   बेकार   है ।
ढोंगी   कहते   इसे   ये   चमत्कार   है ।।
कोई    सपने   नहीं   अब   अधूरे   बचे ।
इन्सानों   के  क़रीब  तो  सितारे   हुए ।।
विश्वास   जिसने   विज्ञान  पर  किया ।
अरमान     सारे     उनके    पूरे     हुए ।।
विज्ञान     जिसकी     बनी     यार    है ।
ढोंगी   कहते   इसे   ये   चमत्कार   है ।।
इंटरनेट  के  बिना  लोग  खाली  से  हैं ।
फूल खिलते अब सपनों की डाली से हैं ।।
विज्ञान   का   युग  आया   है  जब   से ।
हर दिन लगते हमें अब दिवाली से हैं ।।
आज  मोहताज़  इसका सारा संसार है ।
ढोंगी   कहते   इसे   ये   चमत्कार   है ।।
असंभव   को  संभव   करके   दिखाया ।
माइक्रोचिप में सागर  भरके दिखाया ।।
चाँद को  छूना भी  मुश्किल लगता था ।
चाँद  पर  इंसान  ने  चलके  दिखाया ।।
आज  विज्ञान  की  जय - जय  कार  है ।
ढोंगी   कहते    इसे  ये   चमत्कार   है ।।

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