MERI SOCH MERI MANJIL
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मंगलवार, 16 दिसंबर 2014
तुझको चाहा हमने बेहिसाब है ।
मेरे जीने का सहारा तो शराब है ।
दुनियाँ कहती इसे ये ख़राब है ।।
मयकदे का पता बताने वाले ।
तुझको चाहा हमने बेहिसाब है ।।
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