|  | 
| चित्र स्रोत - गूगल | 
जोड़ते   न   दिल  तो  टूटा  न   होता ।
पकड़ते  न दामन तो  छूटा  न होता ।।
तक़दीर    मेरी    गर   अमीर    होती ।
सारी दुनियाँ की मुझपे जागीर होती ।।
तो  मेरा  यार  मुझसे  रूठा  न  होता ।
जोड़ते  न  दिल   तो  टूटा  न  होता ।।
अपने  महबूब  से  न कोई  दूर होता ।
शीशे जैसा  दिल था न वो चूर होता ।।
दीवानों से काम कोई अनूठा न होता ।
जोड़ते  न  दिल  तो  टूटा  न  होता ।।
गर किसी  पर भी न  ऐतबार  करते ।
तन्हा  रह  लेते  यूँ  न प्यार  करते ।।
तो मेरा घर अपनों  ने लूटा  न होता ।
जोड़ते  न  दिल  तो  टूटा  न  होता ।।
पकड़ते  न दामन तो  छूटा  न होता ।।
 
 
जरूर।
जवाब देंहटाएंमेरा ब्लॉग विजिट करने के लिए धन्यवाद।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ! प्रतिभा जी।
हटाएंBehad umda gazal ..... !!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद परी जी ! आपने मेरे गीत की तारीफ़ करके मेरा हौसला बढ़ाया।
हटाएं