शनिवार, 27 दिसंबर 2014

जब कोई धोखा देगा तुम्हें तब याद करोगी मुझे ।

जब   कोई   धोखा   देगा   तुम्हें   तब   याद   करोगी  मुझे ।
अपने  पराये   सा  सलूक  करेंगे  तब  याद   करोगी  मुझे ।।
मेरे    होते   हुए   भी   तुम   गैरों   में   मशगूल   हो   आज ।
मैं    चला    जाऊँगा     जब     तब    याद   करोगी    मुझे ।।
इबादतों    के    बाद    भी    मैं    लौट    कर   नहीं   आऊँगा ।
तुम्हारे आसुँओं को मजाक बनायेंगे सभी तब याद करोगी मुझे ।।
बाकी     तो      भूखे      शिकारी     हैं    यहाँ     जिस्म    के ।
अहसास    होगा    ये    जिस    दिन    याद    करोगी    मुझे ।।
मैं    धोखा    देती    रही   फिर   भी   वो   चाहता   रहा   मुझे ।
याद     आयेगा    ये    जिस    दिन    याद    करोगी     मुझे ।।
कितने   नादान   हो   तुम   हीरे   की   परख   नहीं   कर  पाये ।
जब   फिसल   जायेगा   हाथों   से   तब   याद   करोगी   मुझे ।।
खुद  तो   रोता  था  लेकिन   मेरे  हँसने  की  दुवा  करता  था ।
ख़याल    आयेगा    ये    जिस    दिन    याद   करोगी   मुझे ।।
कभी   आया   था    "सागर"   ज़िन्दगी    में    ख़ुशियों   का ।
याद    आयेगा    नाम    मेरा    तब    याद    करोगी    मुझे ।।

4 टिप्‍पणियां:

  1. क्या खूब याद किया और कराया आपने ,...अहा , ..उम्दा , आनंदम आनंदम ।

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    1. अजय जी आपका शुक्रिया कैसे अदा करें, मेरे पास शब्द ही नहीं हैं।

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  2. आपका लेख पढ़ कर एेसा लगा कि आपके लिखे हर ग़जल के एक एक अल्फा़ज किसी आशिक के दिल से निकली आवाज़ है|
    सच कहुं तो मेरे दिल को छु गया|
    आप बहुत अच्छा लिखते हैं, जिसकी तारीफ के लिए मेरे सारे अल्फ़ाज कमजोर पड़ जाएंगे|

    भगवान आपको और अच्छा लिखने की समझ दे, और आपको कामयाबी के सारे उंचाइंयों तक पहुंचाए, ताकि हम सभी को भी आपसे प्रेरणा मिले|

    बहुत बहुत शुक्रि़या सागर साहब... आपका नाम सागर देख कर मुझे सचमुच RISHI KAPOOR की एक मुवी Sajan ki bahon me की याद आ गई, जिसमें Rishi Kapoor सागर साहब की भुमिका में हैं|

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    1. एम. आफताब साज़ी जी मैं आपका तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। देरी के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।

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