आज उसके बिना घर में उजाला नहीं था ।
मेरा मासूम गोली का निवाला नहीं था ।।
प्यारी हरकतों को उसकी नहीं कोई भूलता ।
था बाबा के गले में वो झूला झूलता ।।
उसके जैसा घर में कोई माला नहीं था ।
मेरा मासूम गोली का निवाला नहीं था ।।
याद कर - कर वो माँ को बहुत रोया होगा ।
बिना देखे वो माँ को कैसे सोया होगा ।।
उसके जैसा कोई भोला - भाला नहीं था ।
मेरा मासूम गोली का निवाला नहीं था ।।
ज़ालिम एक - एक करके बच्चों को काटते होंगे ।
अपनी ज़िन्दगी की भीख बच्चे माँगते होंगे ।।
एक भी के दिल में अल्ला ताला नहीं था ।
मेरा मासूम गोली का निवाला नहीं था ।।
अश्रुपूरित हृदय से श्रद्धांजली उन बच्चों के लिए
जो आतंकवादियों के द्धारा शहीद हो गये !
मेरा मासूम गोली का निवाला नहीं था ।।
प्यारी हरकतों को उसकी नहीं कोई भूलता ।
था बाबा के गले में वो झूला झूलता ।।
उसके जैसा घर में कोई माला नहीं था ।
मेरा मासूम गोली का निवाला नहीं था ।।
याद कर - कर वो माँ को बहुत रोया होगा ।
बिना देखे वो माँ को कैसे सोया होगा ।।
उसके जैसा कोई भोला - भाला नहीं था ।
मेरा मासूम गोली का निवाला नहीं था ।।
ज़ालिम एक - एक करके बच्चों को काटते होंगे ।
अपनी ज़िन्दगी की भीख बच्चे माँगते होंगे ।।
एक भी के दिल में अल्ला ताला नहीं था ।
मेरा मासूम गोली का निवाला नहीं था ।।
अश्रुपूरित हृदय से श्रद्धांजली उन बच्चों के लिए
जो आतंकवादियों के द्धारा शहीद हो गये !
काश, इन आतंकियों को पता होता की वे क्या कर रहे है!!
जवाब देंहटाएंदीदी ! इन आतंकवादियों को सब पता है कि वो क्या कर रहे हैं।
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